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New Voices in the Dark Itou Junji: माँगा समीक्षा

जापान के हॉरर के बादशाह कहे जाने वाले ईंटो जुंजी का यह दूसरा कहानी संग्रह है जो मैने पढ़ा था। इसके पूर्व भाग की समीक्षा मैं पहले ही कर चुका हूँ जिसे आप यहाँ पढ़ सकते है


इस माँगा संग्रह मे करीब 7 कहानियाँ है और इन्हें मैने इसी वर्ष जनवरी 19 से 21 की दरमियां पढ़ा था। यह माँगा संग्रह 2006 को मे प्रकाशित किया गया था और 2016 में इसका अंग्रेज़ी संस्करण भी प्रकाशित किया गया था।
इसकी चित्रकला मे आप थोड़ा सुधार देख सकते है, पर फिर वह काफी हद तक पूर्व भाग के जैसा ही है।
इसका जापानी नाम है शिन यामी नो कोए (新・闇の声 潰談) जिसका हिन्दी मे अर्थ होगा अंधेरे मे आवाज़े नवीन।
मैं सातो कहानियों के हिसाब से इस पूरे संग्रह की समीक्षा करूँगा।

1) सोइची मोर्चा

यह कहानी सीक्वल है पहले भाग की चौथी कहानी हॉन्टेड हाउस का रहस्य का।
मिचीना अपने करीबी रिश्तेदार त्सुजि परिवार की तलाश मे पूरे जापान मे खोज कर रही थी। 10 वर्ष पहले वह अचानक से गायब हो गए थे। क्या मिचीना अपनी खोज मे सफल हो पाएँगी?


इस कहानी को पढ़ते हुए भी मुझे नही पता था कि यह कहानी भी असल मे ईंटो जुंजी के हॉरर-कॉमेडी सोइची श्रीखला का भाग है।
पहला भाग जहाँ ख़त्म हुआ, वहाँ तक मुझे ठीक भी लगी थी, मगर इसे और खीचा गया, यह मुझे पसँद नही आया। यह कहानी मुझे ठीक ही लगी, हा यदि मुझे पता होता कि यह सोइची का ही भाग है, तो शायद मुझे अधिक मज़ा आता।
मैं इस कहानी को 5 मे से 2.5 स्टार ही दूँगा। हा अगर सोइची के बारे मे पता होता, तो मैं इसे पूरे 3 देता।

2) सोइची का पालतू जीव

सोइची की बहन सायूरी जब अपने विद्यालय से घर की तरफ जाती रहती है तो उसे एक प्यारा बिल्ला मिलताहै। सायूरी उस बिल्ली को अपने साथ अपने घर ले आती है और वह उनका पालतू बिल्ला बन जाता है। मगर सोइची उस बिल्ले के साथ खुराफ़ात करने से बाज़ नही आता और सायूरी से पिट जाता है। अपनी पिटाई का बदला लेने के लिए सोइची उस बिल्ली को एक श्राप दे देता....


सोइची एक अजीब लड़का है, जो अपने हर चीज़ मे अच्छे बड़े भाई-बहन से जलता है और अक्सर अपने इस हीनभावना के कारण वह जादू-मंतर का सहारा लेता है। उसके कारनामे अधिक तो नही पढ़े है, पर जितने पढ़े है वह रोचक और मज़ेदार होते है। यह कहानी भी मज़ेदार थी। ऐसे मुझे फौरन हँसी नही आती, मगर यह कहानी मेरे चेहरे पर हल्की मुस्कान लाने मे कामियाब हो पाई। इस कहानी मे कॉमेडी के साथ मे ईंटो जुंजी की बेहतरीन चित्रकला देखने को मिलेगी। उन्होंने नर्क के जीवो और कीड़ो को इतनी खूबी से बनाया है कि वह वास्तविक लगते है और एक बार तो मेरा जी भी खराब हो गया था।
इस कहानी को मैं 5 मे से 4 स्टार दूँगा।

3) दर्पणों की घाटी मे

ओकाडा और उसके 2 साथी एक वीरान घाटी मे आते है जहाँ उन्हें किमोन नाम के 2 गाँव मिलते है। वह दोनो गाँव एक दूसरे के सामने घाटी मे स्तिथ है और उन्हें k नाम की नदी अलग करती है। वहाँ हर तरफ टूटे काँच पड़े हुए थे और वह गाँव खाली पड़े थे। ओकाडा अपने साथियो की इन दोनो गाँवो की कहानी बताता है, जिनमे वह खुद उलझ जाते है।



कहानी मे शुरुआत से ही रहस्य हम पाठको को अपनी ओर खीचता है पर फिर आगे जैसे-जैसे कहानी बढ़ती है, सब चौपट हो जाता है। मुझे तो ऐसा ही लगा। कहानी मे काफी क्षमता थी और बेहतर होने की, पर ईंटो जुंजी अधिक कुछ कर नही पाए। मुझे कहानी मे इतना मज़ा नही आया। यह कहानी मुझे इस संग्रह की कमज़ोर कहानियो मे से एक लगी।
मैं इस कहानी को 5 मे से 2 स्टार दूँगा।

4) एनीथिंग बट ए गोस्ट

शिगेरु अपनी कार मे जंगल से होते हुए अपने घर जा रहा था। उसका दफ्तर काफी दूर था और उसे इतना लंबा सफ़र करना पड़ता था हमेशा। उस रोज़ शाम को जब वह उसी मार्ग से जा रहा था तो उसे सड़क किनारे ही वृक्ष के पास एक लड़की अकेली खड़ी दिखी। शिगेरु उसे देख चौक जाता है और उसकी सहायता के लिए जाता है। जैसे ही वह उसके पास पहुँचता है, तो ठिठक जाता है। उस लड़की के चेहरे पर खून ही खून था...



सुहाना सफ़र और मौसम हसीं, सड़क किनारे हो एक अंजन लड़की खड़ी... 
इस तरह की स्तिथि अपने अक्सर कई भूतो की कहानियो में पढ़ी और देखि होगी, हमारे नायक/नायिका को एक सुनसान सड़क पर कोई अजनबी मिल जाता है। यह हरार कहानियो का क्लासिक ट्रॉप है और मुझे पसंद है।
इस कहानी मे रहस्य और हॉरर दोनो ही बराबर है और इसने मेरा काफी मनोरंजन किया। ईंटो जुंजी की अधिकतर कहानियो मे उन्होंने भूतो के अलावा अन्य पारलौकिक तत्वों का खूब उपयोग किया है, मगर इस कहानी को आप एक प्रॉपर भूत की कहानी कह सकते है, बस ईंटो के अपने ट्विस्ट के साथ। ट्विस्ट बढ़िया लगा मुझे पर फिर अंत मे थोड़ी कमी लगी। साथ ही शिगेरु ईंटो की कहानियो के अन्य कुछ किरदारो की शक्ल मुझे एक सी लगी। ईंटो काफी काबिल चित्रकार है, लेकिन फिर कैरेक्टर डिज़ाइन मे यह लापरवाही मुझे खली।
इस कहानी को मैं 5 मे से 3 स्टार दूँगा।

5) मायावी ग्रंथालय

कोको अपने पति गोरो के साथ उसके आलीशान बँगले मे रहती थी। गोरो शिरोज़ाकि खानदान का आखिरी वंशज था और यह खानदान काफी सम्पन्न था। गोरो के पिता को पुस्तक पढ़ने का बहुत शौक था जिस कारण उन्होंने अपने लगभग संपूर्ण बँगले को एक विशाल ग्रंथालय मे तब्दील कर दिया था। गोरो को यह बँगला रूपी ग्रंथालय अपने पिता से मिला था। इस ग्रंथालय मे करीब 1.5 लाख पुस्तके थी, जिसकी देखभाल स्वयं गोरो हर दिन किया करता था।
लेकिन एक दिन गोरो की सबसे प्यारी पुस्तक गायब हो जाती है...


इस कहानी पर एक बहुत बढ़िया फिल्म बन सकती थी। इस पूरे संग्रह मे यह मेरी सबसे प्रिय कहानी थी। इस कहानी मे पारलौकिक तत्व थे या नही, वह मैं आप पर छोड़ देता हूँ। शायद ईंटो जुंजी साहब ने भी यही किया है, उन्होंने अधिक स्पष्ट नही बताया। पर मेरे लिए यह कहानी एक साइकोलॉजिकल हॉरर है।
मुझे यह कहानी शायद इसलिए भी पसंद आई क्योंकि मैं गोरो से खुदको जोड़ पाया। गोरो को एक अंतर्मुखी और बेहद ही बुद्धिमान व्यक्ति बताया गया था, जिसे पढ़ना बहुत पसंद है। मैं भी अंतर्मुखी हूँ और पढ़ना मुझे पसंद है, पर मैं शायद गोरो जितना समझदार नही हूँ। ऐसे पुस्तके पढ़ना अभी शुरू किया है, पर मैं इंटरनेट पर कुछ न कुछ पढ़ता ही रहता हूँ। मेरी बचपन से चाह थी कि काश मेरे पास भी एक अति विशाल ग्रंथालय होता, जिसमे दुनिया भर की तमाम पुस्तके होती ठीक गोरो की तरह। फिर मैं भी एकांत मे बैठ उन्हें पढ़ता। और क्या चाहिए ज़िन्दगी मे? मगर इस कहानी को पढ़कर अब मैं अपनी इस ख्वाहिश पर पुनर्विचार करने की सोच रहा हूँ।
इस कहानी को मैं 5 मे से 4.2 स्टार दूँगा।

6) अंधेरो मे संगीत

एक दिन अपने दफ्तर से घर की तरफ जाते हुए टामायो को सड़क किनारे एक युवती गायिका गाते हुए दिखती है। उसका गीत बेसुरा था और शायद इसी कारण टामायो को वह याद रह गया। मगर कई दिनों बाद भी यह गाना जब टामायो के दिमाग मे लगातार बजता रहता है, तो वह परेशान हो जाती है...


क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है? कि कोई गाना दिमाग मे बैठ जाता है और जल्दी से बंद नही होता? ऐसा सभी के साथ होता है और इसे वैज्ञानिक Involuntary Musical Imagery कहते या आम भाषा मे Earworm। ईंटो जुंजी ने इसी को फिनॉमिना को और अधिक डरावना बनाने का प्रयास किया है, जिसमे मेरे हिसाब से तो वह सफल नही हुई है। यह आइडिया था नायाब पर ईंटो इससे अधिक कुछ न कर सके। शुरुआत के कुछ पृष्टों के बाद रोचकता चली जाती है और कहानी उबाऊ लगती है। अंत भी कुछ खास नही था। पर यह मेरे ख्याल है। मुझे यकीन है कि यह कहानी कुछ खास लोगों के टेस्ट की होगी।
इसे मैं 5 मे से 1 स्टार दूँगा।

7) स्प्लेटर फिल्म

सुगीओ का मित्र ओगी हाल ही मे दक्षिण अमेरिका की अपनी यात्रा से जापान आया था वापस। वहाँ ओगी दक्षिण अमेरिका के एक कबीले से मिला, जिन्होंने उसकी खूब खातिरदारी की और उसे एक बेहद कीमती उपहार भी दिया।
यह उपहार ओगी अपने साथ ले आया, जो कि एक खास प्रकार का शहद था।  ओगी यह शहद सुगीओ को छकाता है और सुगीओ उस दुर्लभ शहद का दीवाना बन जाता है। मगर ओगी उसे बाटने को तैयार नही था।


अति चाहे अमृत की ही क्यों न हो, बुरी ही होती है। यह कहानी भी वही सीख देती है। लालच के लिए हम मनुष्य किसी भी हद तक जा सकते है, यहाँ तक कि अपनी जान भी दांव पर लगाने को तैयार हो जाते है, इस कहानी मे हमे वही दिखाया गया।
कहानी की बात करे तो वह अच्छी थी। अंत तक रहस्य बरकरार रहता है जो आपको पन्ने बदलने के लिए मजबूर कर देता है। फिर भी कहानी मे मुझे रोमांच की थोड़ी कमी लगी और थोड़ी अधिक तेज़।
मैं इस कहानी को 5 मे से 3 स्टा दूँगा।

मेरी राय:

मुझे यह मांगा संग्रह पढ़ने मज़ा आया पर यदि तुलना करू, तो इससे पहले का भाग मुझे इससे थोड़ा बेहतर लगा।
लेकिन इस संग्रह मे मुझे कहानियो मे विविधता ज्यादा लगी। इसमे 2 हॉरर कॉमेडी और 1 मनोवैज्ञानिक हॉरर कहानी थी।
इस संग्रह की कहानियों मे पहले भाग के मुकाबले चित्रकला सुधरी हुई लगी, जो कि एक और प्लस पॉइंट है इसका। मगर इन 2 पॉइंट के बावजूद इसकी कोई कहानी मुझपर अधिक छाप नही छोड़ पाई। पहले भाग मे वक़्त की गर्जना और एर्थबॉन्ड काफी समय तक मेरे दिलोदिमाग मे छाई रही थी। इस संग्रह मे मायावी ग्रंथालय मुझे उस स्तर की लगी, पर यह मेरे ज़हन मे अधिक समय तक नही रही।
इस संग्रह को मैं 5 में से 3.7 स्टार दूंगा। 

मैं और भी कहानी संग्रह पढ़े है ईंटो जुंजी के, जिनकी समीक्षा जल्द ही आएँगी।

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